छत्तीसगढ़ का लोकपर्व : हलषष्ठी (कमरछठ), संतान की दीर्घायु के लिए हलषष्ठी की व्रतकथा और पूजा विधि, यंहा पढ़े

धर्म डेक्स(बीएनएस)। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था। यह व्रत संतान की लम्बी आयु के लिए माताओं द्वारा रखा जाता है। इस तरह करें हलषष्ठी की पूजा : इस दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। जहां पूजा करनी है उस जगह को अच्छे से साफ करें। पूजन स्थल पर गंगाजल छिड़कें। पूजन स्थल पर…

छत्तीसगढ़ का लोकपर्व-हलषष्ठी (कमरछठ), संतान के लिए है ये व्रत, नहीं खाते हल लगा अनाज, माताएं-बहने हर्षोउल्लास से मानती है यह पर्व

धर्म डेस्क(बीएनएस)। यह पर्व माताओं का संतान के लिए किया जाने वाला, छत्तीसगढ़ राज्य की अनूठी संस्कृति का एक ऐसा पर्व है जिसे हर वर्ग हर जाति मे बहूत ही सद्भाव से मनाया जाताहै। हलषष्ठी को हलछठ, कमरछठ या खमरछठ भी कहा जाता है । यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। संतान प्राप्ति व उनके दीर्घायू सुखमय जीवन की कामना रखकर माताएँ इस व्रत को रखती है। इस दिन माताएँ सूबह से ही महुआ पेड़ की डाली का दातून कर, स्नान कर…

राजिम में माघी पुन्नी मेला आज से, माघी पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ श्री राजीव लोचन का जन्मोत्सव मनाने आते हैं राजिम

रायपुर(बीएनएस)। छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों में माघी पुन्नी के दिन मेला लगता है, लेकिन राजिम माघी पुन्नी मेला का विशेष महत्व है। भगवान श्री राजीव लोचन का जन्मोत्सव माघी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर का पट बंद रहता है, क्योंकि भगवान जगन्नाथ श्री राजीव लोचन का जन्मोत्सव मनाने राजिम आते हैं। राजिम में महानदी के तट पर राजीव लोचन मंदिर परिसर से लगा सीताबाड़ी है। राजिम को धर्म नगरी और लोक कला संस्कृति का गढ़ कहा जाता है। राजिम में पैरी, सोंढूर और…

हर्षोउल्लास से मनाया जा रह है पुरे देश में मकर संक्रांति पर्व, पूरे दिन स्नान का योग, सूर्य के राशि परिवर्तन का राशियों पर होगा यह असर यंहा पढ़े……..

न्यूज़ डेस्क। आज मकर संक्रांति का पर्व श्रद्धा, उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया जा रहा है, इसी दिन माघ मास के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु संगम समेत गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। घरों में पारंपरिक रूप से खिचड़ी मनाई जाएगी। इसके साथ ही लोग पतंगबाजी का लुत्फ उठाएंगे। इस बार मकर संक्रांति पर शोभन और बुधादित्य योग होने से स्नान, दान का महापुण्य मिलेगा। मान्यता है कि यहां जितने भी दान किए जाते हैं वे अक्षय फल देने वाले होते हैं। उत्थान…

माघ पूर्णिमा 9 फरवरी से महाशिवरात्रि 21 फरवरी तक होगा, राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन

रायपुर। माघ पूर्णिमा 9 फरवरी से महाशिवरात्रि 21 फरवरी तक राजिम माघी पुन्नी मेला आयोजित होगा। इसके तहत 15 फरवरी से संत समागम प्रारम्भ होगा । माघ पूर्णिमा 9 फरवरी, 16 फरवरी जानकी जयंती तथा 21 फरवरी महाशिवरात्रि को पर्व स्नान होगा। मेला अधिकारी एवं आयुक्त रायपुर संभाग जी आर चुरेन्द्र की अध्यक्षता में आज कमिश्नर कार्यालय में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में उपस्थित विभिन्न विभाग के अधिकारियों तथा संभागीय अधिकारियों को कमिश्नर ने राजिम माघी पुन्नी मेला के बेहतर आयोजन करने के निर्देश दिए और…

550 वां प्रकाश पर्व: जानें स्वर्ण मंदिर यानी हरमिंदर साहिब का महत्व, दर्शन कर कृतार्थ होते हैं श्रद्धालु

न्यूज डेस्क। कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार, 12 नवंबर को है और इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की जयंती भी है। ये दिन सिख और हिन्दू धर्म के लिए बहुत खास है। इस साल गुरुनानक की 550वीं जयंती है। सिख श्रद्धालु इस दिन सभी गुरुद्वारों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर दुनियाभर के प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है। यहां देश-विदेश से हर धर्म के लोग पहुंचते हैं और पूरी आस्था के साथ सिर झुकाते हैं। इसे हरमंदिर साहिब भी कहा…

आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है देव दीपावली, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

न्यूज डेस्क। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने असुर त्रिपुरासुर का वध किया था। वहीं कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार लिया था। इस कारण कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण बन जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना बेहद पुण्य का काम होता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा…

वर्षों बाद देवउठान एकादशी पर विवाह का कोई अबूझ मुहूर्त नहीं, जानें क्या है वजह

न्यूज डेक्स। वर्ष में तीन बार विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त आते हैं। जिसमें बसंत पंचमी, देवउठान एकादशी व फुलैरा दौज शामिल हैं। ऐसे में आठ नवंबर शुक्रवार को देवउठान एकादशी है। लेकिन, वर्षों बाद इस बार राशियों के हेरफेर के चलते देवउठान एकादशी पर विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त नहीं है। इसका कारण वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। देव उठनी एकादशी के बाद पहला विवाह मुहूर्त 18 नवंबर है। चार महीने से क्षीर सागर में सोए भगवान…

पैर की अंगुलियों को देखकर भी जान सकते हैं कौन है भाग्यशाली और किसकी किस्मत है फूटी

सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि पैर का अंगूठा अपने पास वाली उंगली के बराबर होना चाहिए। इसके अलावा पैर की आखिरी उंगली का उसके पास वाली उंगली से बड़ा होना भी बहुत अच्छा माना गया है। जानिए पैर का अंगूठा और अन्य उंगलियों से क्या-क्या जाना जा सकता है – पैर का अंगूठा और उसके पास वाली उंगली, दोनों आपस में मिलते हों तो ऐसे लोगों को किस्मत का साथ कम ही मिल पाता है। ऐसे लोगों का अंगूठा छोटा और पास वाली उंगली बड़ी हो तो पहले लड़के या…

आज गुरु करेगा वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश, बारह राशियों पर होगा कुछ ऐसा असर यंहा पढ़े……….

किसी भी ग्रह के राशि परिवर्तन का असर सभी बारह राशियों पर होता है। इसी क्रम में सोमवार 4 नवंबर को गुरु वृश्चिक से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा। गुरु लगभग 13 माह में राशि बदलता है। वहीं धनु गुरु के स्वामित्व वाली ही राशि है। इससे पहले धनु राशि में गुरु सन 2007-2008 में रहा था। अब अगले 13 माह तक गुरु धनु राशि में ही रहेगा। इस काल में यह कुछ समय तक वक्री भी रहेगा। गुरु के राशि परिवर्तन का असर सभी बारह राशियों पर होगा।…