आदिवासी किसान ने मुख्यमंत्री को दिया सौ रूपया ईनाम,अभिभूत हुए मुख्यमंत्री ने स्नेह के साथ स्वीकारी भेंट

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान जब पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा के ग्राम पोलमी पहुंचे, तो वहां एक आदिवासी किसान ने उनसे भेंटकर कहा ‘‘मैं हा गोबर बेच के 32 हजार रूपया कमाए हावंव। उई मं के सौ रूपया आप ल भेंट करना चाहथ हंव‘‘। उनके आग्रह पर अभिभूत हुए मुख्यमंत्री ने किसान की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी दी गई इस भेंट को बड़े ही स्नेह के साथ स्वीकारा और उन्हें धन्यवाद दिया।

कोरबा जिले के पाली विकासखंड के सुदूर बीहड़ में बसे ग्राम पुटा के किसान नारायण सिंह गोधन न्याय योजना के हितग्राही हैं। उन्होंने गोबर बेचकर अब तक 32 हजार रूपए कमाए हैं। नारायण सिंह ने गोधन न्याय योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार जताते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखी पाती भेंट की। इस आभार पत्र में कृषक नारायण सिंह ने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को लिखा है कि ‘‘आप मन कईसे हा, आप मन के राज मं हम हन अच्छा हवन। आप मन के राज मं हमर असन गरीब मनखे मन बर, गोधन न्याय योजना चालू करेहा, जेन मं हमर असन गरीब मनखे मन गोबर बेच के कुछ कमा लेत हन। मैं हा गोबर बेच के 32 हजार रूपया कमाए हावंव। उई मं के सौ रूपया आप ल भेंट करना चाहथ हंव। आप मन के राज मं गांव के मनखे हा राम राज म जियत हे, अइसे लागत हे। गाड़ा-गाड़ा जोहार अउ राज मं खुशहाली करे बर शुभकामना‘‘।

कृषक नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने के एवज में मिली राशि से परिवार की जरूरतें पूरी हो रही हैं। गोबर बेचने से होने वाली नियमित आमदनी का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब हमें अपनी दैनिक जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनसे कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जिसने गोबर खरीद कर गरीब वर्ग को भी आय का साधन उपलब्ध कराया है। राज्य शासन का लक्ष्य है कि अंतिम व्यक्ति को समस्त योजनाओं का लाभ मिले और प्रत्येक नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हो।

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