हाथकरघा वस्त्रों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बनी अलग पहचान

रायपुर(बीएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के हाथकरघा वस्त्रों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान बनी है। नई सरकार के गठन के बाद प्रदेश के हाथकरघा वस्त्रों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय बनाने तथा बुनकरों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सितंबर 2019 को रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के माध्यम से राज्य के हाथकरघा वस्त्रों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनी है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप हाथकरघा वस्त्रों के लिए टाइटन ‘तनेइरा‘, बैंगलोर, पैरामून इंडस्ट्रीज मुंबई, मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास बोर्ड भोपाल, एकगांव टेक्नालॉजी गांधीनगर, फेडरेशन ऑफ नेपाल कॉटेज एवं स्माल इंडस्ट्रीज काठमांडू से एम.ओ.यू. किया गया है।

ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को गणवेश आपूर्ति के माध्यम से हाथकरघा बुनकरों को बुनाई के साथ-साथ गणवेश वस्त्र सिलाई से 725 महिला एवं स्व-सहायता समूह की लगभग 8 हजार 700 महिलाओं को रोजगार दिलाया है। इस कार्य के पारिश्रमिक के रूप में 30 करोड़ 82 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। राज्य के हाथकरघा बुनकरों द्वारा उत्पादित वस्त्र 170 करोड़ 97 लाख रुपए के वस्त्रों की विभिन्न शासकीय विभागों में आपूर्ति की गई है। हाथकरघा के 560 हितग्राहियों को नवीन बुनाई प्रशिक्षण हेतु एक करोड़ 90 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई और 640 बुनकरों के कौशल प्रशिक्षण हेतु एक करोड़ 15 लाख रुपए की सहायता दी गई है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में हाथकरघा बुनकरों को उत्पादन एवं विपणन सुविधा प्रदान कर नियमित रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तर पर शीर्ष संघ छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर गठित है। राज्य के हाथकरघा बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना लागू की गई है। शासकीय वस्त्र प्रदाय में प्रमुख आपूर्ति स्कूली छात्रों को गणवेश, वर्दी क्लॉथ, बेडशीट, कंबल, मच्छरदानी, दरी, पॉलिस्टर साड़ी, पर्दा क्लॉथ आदि है।

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