युवक-युवती परिचय सम्मेलन उपयोगी एवं आज की है आवश्यकता : राज्यपाल सुश्री उइके

रायपुर(बीएनएस)। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज भोपाल में आदिवासी सेवा मंडल द्वारा आयोजित 15वें आदिवासी युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले लोगों को अपने बेटा-बेटियों की शादि करने के लिए योग्य वर-वधु की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता था। आदिवासी सेवा मण्डल द्वारा आयोजित इस युवक युवती परिचय सम्मेलन में विवाह योग्य युवक-युवती समाज के सामने आकर अपना परिचय दे रहे हैं। यह आदिवासी सेवा मण्डल का सराहनीय पहल है। इस तरह के परिचय सम्मेलन उपयोगी और आज की आवश्यकता है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि संविधान में आदिवासी को दिए विभिन्न अधिकार एवं किए प्रावधानों के बावजूद भी आज हमारा समाज अन्य समाज की अपेक्षा काफी पीछे है। संवैधानिक प्रावधानों के बाद भी सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में आदिवासी समाज अपेक्षाकृत अन्य लोगों से पीछे है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोगों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जाता है। इसे रोकने के लिए हर स्तर पर आवश्यक प्रयास करने की आवश्यकता है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने बचपन का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि आदिवासी सेवा मण्डल का यह कार्यक्रम पहले भोपाल के एक छोटे से मैदान में हुआ करता था। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन अब विशाल रूप ले लिया है, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी समाज के लोग शमिल हुए हैं। उन्होंने आदिवासी समाज के विकास में योगदान देने वाले पूर्व विधायक और दादू के नाम से विख्यात श्री योगेन्द्र सिंह बाबा के योगदान का स्मरण किया। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी सेवा मण्डल के कार्य को आगे बढ़ाने वालों को नमन किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज मेरा यहां आत्मीयता भरा सम्मान किया गया और पहले भी ऐसा ही स्नेह भरा सम्मान किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज से जो सम्मान मुझे मिला है उसे मैं कभी नहीं भूला पाऊंगी। मैं एक गांव के परिवेश में पढ़-लिखकर आज इस मुकाम पर पहुंची हूं जिसकी कभी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

इस अवसर पर अजय सिंह, प्रकाश ठाकुर, मनोहर सिंह ठाकुर, चन्दा सर्वटे, अमर सिंह रावत, रामू टेकाम, प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बड़ी संख्या में विभिन्न प्रदेशों से आए आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.