रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पूरे देश में पहली बार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 27 दिसंबर से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैै। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राज्यों और विभिन्न देशों से कलाकारों का आना जारी है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए आ रहे कलाकारों का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। राजधानी रायपुर कलाकारों के छत्तीसगढ़ की धरती पर स्वागत के लिए सज-धज कर तैयार है। मुख्यमंत्री ने जम्मो प्रदेशवासी मन ला राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होय बर नेवता दे हावय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल से आयोजित होने वाला महोत्सव आदिवासी संस्कृति पर केंद्रित है। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित देश और दुनिया भर के आदिवासी एक दूसरे की संस्कृति, लोक कला, लोक नृत्य और लोक संगीत को जानेंगे, समझेंगे और इस आयोजन से आदिवासी संस्कृति और भी अधिक समृद्ध होगी। छत्तीसगढ़ सरकार का आदिवासी संस्कृति को आगे बढ़ाने का यह एक छोटा सा प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए लगातार काम कर रहे है। प्रदेश के लिए कुपोषण एक बड़ी समस्या है, आदिवासी क्षेत्रों में तो कुपोषण का प्रतिशत और भी अधिक है। कुपोषण को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने सुपोषण अभियान प्रारंभ किया है। आदिवासी इलाकों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना प्रारंभ की गई है, जिसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं वनांचलओं में रहने वाले आदिवासियों तक पहुंच रही है।
आदिवासियों के बच्चों की शिक्षा के लिए भी और रोजगार के लिए भी राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। चाहे नौजवान हो या महिला स्व-सहायता समूह, इन्हें रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर में कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन किया गया है। पशुओं की डे-केयर यूनिट के रूप में गौठान बनाए जा रहे हैं। लघु वनोपजों की खरीदी की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि आदिवासियों को लघु वनोपजों का सही दाम मिले और उन्हें इनके माध्यम से रोजगार से जोड़ा जा सके।