नई दिल्ली। भक्तों के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि से अच्छा कोई शुभ अवसर नहीं है। इस बार महाशिवरात्रि आज यानी 21 फरवरी को है। इस दिन भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन श्रद्धा से व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव की कृपा मिलती है। इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से भोले शंकर का व्रत रखना चाहिए।
कभी तो मेरे दिल के बाजार में भी आइये #भोले #दस्तूर बदल दिये है यहाँ के आपकी दिवानगी ने,
हर #चीज बिकती है यहाँ , पर सिर्फ आपके ही नाम से #जय_श्री_महाकाल ??#हर_हर_महादेव ??#MahaShivRatri2020 #Banna_Sa ?? pic.twitter.com/MLSAbH79dK— ??Rathore Rvndra Singh (@Banna_Sa7773) February 21, 2020
पूरा दिन भगवान शिव के चरणों में भक्ति के साथ बिताना चाहिए। सुबह सबसे पहले जल में काले तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भोले शंकर के शिवलिंग पर दूध, शहद से अभिषेक कराना चाहिए। अभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय का जाप करना चाहिए। इस व्रत करें तो ध्यान रखें कि चावल, आटा और दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर निराहार व्रत नहीं रख सकते तो इस दिन फ्रूट्स, चाय, दूध ले सकते हैं। शाम को कूट्टू के आटे से बनी पूड़ी, सिंगाड़े का आटा ले सकते हैं। इसके अलावा आलू और लौकी का हलवा भी ले सकते हैं।
अगर आप पूरे दिन निराहार व्रत रखना चाहते हैं तो अगले दिन स्नान करके व्रत का पारण कर सकते हैं। इस बीच रात्रि में भोले शंकर का जागरण करना चाहिए। कहा जाता है कि शिवरात्रि में संपूर्ण रात्रि जागरण करने से महापुण्य फल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा अर्चना करने के लिए देश के कई हिस्सों में शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान शिव के मंदिरों में उमड़ पड़ा। मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर, दिल्ली के चांदनी चौक में श्री गौरी शंकर मंदिर और ‘शिवाला बाग भाईजान’ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई।
वहीं मध्यप्रदेश के उज्जैन में भक्त भारी तादाद में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। कर्नाटक के कलबुर्गी में ब्रह्मा कुमारियों ने 25 फीट लंबा ‘शिवलिंग’,बनाया गया है।
ओडिशा में, भुवनेश्वर की जटनी के एक कलाकार एल ईश्वर राव ने महाशिवरात्रि के अवसर पर एक छोटी सी बोतल के अंदर एक पेंसिल की निब पर और एक पत्थर पर ‘शिवलिंग’ का लघु मॉडल बनाया है।
महा शिवरात्रि जो शाब्दिक रूप से ‘शिव की सबसे बड़ी रात’ में तब्दील होती है, देश भर में सबसे शानदार त्योहारों में से एक है। यह विनाश के स्वामी शिव का भव्य विवाह मनाता है – प्रेम और सौंदर्य की देवी – पार्वती के साथ, जिन्हें शक्ति (शक्ति) के रूप में भी जाना जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शादी की रात, भगवान शिव के हिंदू देवी-देवताओं, जानवरों, और राक्षसों सहित परिचितों का एक बहुत ही विविध समूह था, और देवी के घर में उसे ले जाने वाले राक्षसों। शिव और शक्ति की जोड़ी को प्रेम, शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक माना जाता है। उनके बंधन – महा शिवरात्रि ‘की शुरुआत को चिह्नित करने वाला त्यौहार पूरे भारत में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।