रायपुर(बीएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में समन्वय कर कक्षा 11वीं एवं 12 वीं में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जाए ताकि छात्र को कक्षा 12 वीं के छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रमाण पत्र के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो सके, जिससे 12 वीं उत्तीर्ण करने के उपरांत उन्हें रोजगार मिलने में आसानी हो।
मुख्यमंत्री ने इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ के स्कूलों में कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के समन्वय से व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम की पढ़ाई हेतु योजना तैयार करने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग दिए हैं। श्री बघेल ने इसके लिए दोनों विभागों को संयुक्त रूप से योजना तैयार कर जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने कहा है कि आईटीआई के समन्वय से स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई होने से व्यावसायिक पाठ्यक्रम वाले विद्यार्थियों में उनके द्वारा चुने गए ट्रेड में उच्चकोटि के कौशल का विकास हो सकेगा और उन्हें काम मिलने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस कार्ययोजना के संबंध में दोनों विभागों को कुछ मार्गदर्शी निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने जारी निर्देशों में कहा है कि शिक्षा के व्यावसायीकरण (वोकेशनेलाइजेशन) करने की बात देश में लम्बे समय से की जा रही है, व्यावसायिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है, किन्तु अभी तक अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं किए जा सके हैं। वर्षाें की औपचारिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी छात्रों को रोजगार प्राप्त नहीं हो पाता। जिसका मुख्य कारण शालाओं में वर्कशॉप एवं कुशल प्रशिक्षकों का अभाव है। छत्तीसगढ़ में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में समन्वय स्थापित करके कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं में व्यावसायिक शिक्षा की व्यवस्था करना आवश्यक प्रतीत होता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देशों में कहा है कि यह व्यवस्था इस प्रकार की जानी चाहिए। जिससे कक्षा 11वीं एवं 12 वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में उच्च कोटी का कौशल विकसित किया जा सके और उन्हें कक्षा 12 वीं के छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रमाण पत्र के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो सके, जिससे 12 वीं उत्तीर्ण करने के उपरांत उन्हें रोजगार मिलने में आसानी हो। इसके साथ ही राज्य शासन के नियमों में ऐसे प्रावधान भी किए जाने चाहिए। जिससे राज्य सरकार को सामग्री प्रदाय करने वाली फर्माें तथा राज्य सरकार के निर्माण कार्याें के ठेकेदारों के लिए 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण एवं आईटीआई प्रमाण पत्र प्राप्त विद्यार्थियों को 6 माह की इंटरशिप करना अनिवार्य हो।
श्री बघेल ने कहा है कि जिन विकासखण्डों में आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल हो वहां आगामी शैक्षणिक सत्र से समन्वित कोर्स प्रारंभ किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में संयुक्त रूप से एक योजना बना कर 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाए।