जम्मू-कश्मीर में मध्यरात्रि से धारा-144 लागू, अगले आदेश तक स्कुल-कालेज बंद, नेतावों की सुरक्षा बढ़ाई गई, इंटरनेट-मोबाइल सेवा निलंबित

श्रीनगर। तनावपूर्ण हालात के बीच सरकार ने श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी है, जो कि आज रात (5 अगस्त) 12 बजे से अगले आदेश तक जारी रहेगी। इस आदेश के बाद से जिले में कोई भी सार्वजनिक गतिविधियां नहीं होंगी। आदेश जारी रहने के दरम्यान शहर में किसी भी तरह की रैली और जनसभा करने की मनाही होगी। सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपना पहचान-पत्र साथ रखें।

जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार से ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, “सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है।” अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुणा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

वहीं दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएएसएनएल) तथा अन्य निजी कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रविवार की रात निलंबित कर दी गयी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेगी। ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं हालांकि अभी तक सामान्य है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश से जुड़े किसी कदम का विरोध करने का रविवार को सर्वसम्मत संकल्प लिया। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किये गए प्रस्ताव के हवाले से कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने तथा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है।

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही तनाव की स्थिति रही।

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