रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नवनिर्मित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सतत और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए त्वरित कार्रवाई की गई है।
जिसके तहत अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र, कोटमीकला में ट्रान्सफार्मर क्षमता में वृद्धि करते हुए क्षमता 40 एमव्हीए से बढाकर 60 एमव्हीए किया जा रहा है। इसके साथ ही साथ अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मनेन्द्रगढ़ से मरवाही उपकेन्द्र तक 33 केव्ही लाईन स्थापित की गई है। जिसके फलस्वरूप वर्तमान में इस जिले में अति उच्च दाब विद्युत उपकेन्द्र कोटमीकला एवं मनेन्द्रगढ़ से इस जिले में विद्युत प्रदाय की जा रही है।
नवनिर्मित जिला गौरेला- पेंड्रा-मरवाही में विद्युत की आपूर्ति अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र, कोटमीकला से की जाती है, जिसमें स्थापित ट्रान्सफार्मर की क्षमता 40 एमव्हीए है। विगत दिनों 20 एमव्हीए के एक ट्रान्सफार्मर में तकनीकी खराबी आने के कारण विद्युत प्रदाय हेतु चुनौतीपूर्ण स्थिति निर्मित हुई। 18 सितम्बर को ट्रान्सफार्मर की टेस्टिंग करने पर यह फेल पाया गया। विद्युत प्रदाय को सामान्य बनाने हेतु 132 केव्ही अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मनेन्द्रगढ़ से मरवाही उपकेन्द्र तक 33 केव्ही लाईन में युद्धस्तर पर कार्य करते हुए जिले में 21 सितंबर को ही विद्युत आपूर्ति आरंभ कर दी गयी।
इस जिले में अति उच्च दाब विद्युत उपकेन्द्र कोटमीकला एवं मनेन्द्रगढ़ से वर्तमान में विद्युत प्रदाय हो रहा है। इसी दौरान खराब 20 एमव्हीए क्षमता के ट्रान्सफार्मर के स्थान पर अधिक क्षमता के 40 एमव्हीए का ट्रान्सफार्मर, जो कि रायपुर डोमा के लिये आ रहा था, उसे रास्ते से ही कोटमीकला के लिए भेज दिया गया, जो कि संभवतः एक-दो दिन में कोटमीकला पहुंच जायेगा। इस प्रकार 20 एमव्हीए क्षमता के ट्रान्सफार्मर खराब होने के बावजूद युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर विद्युत आपूर्ति गौरेला- पेंड्रा-मरवाही जिला में विद्युत आपूर्ति को समय रहते बहाल कर दिया गया।
विभाग द्वारा आने वाले कुछ दिनों में ही 40 एमव्हीए क्षमता का नया ट्रान्सफार्मर स्थापित कर दिया जायेगा जिससे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला हेतु अति उच्चदाब उपकेन्द्र, कोटमीकला की क्षमता, जो कि वर्तमान में 40 एमव्हीए क्षमता की है, वह बढ़कर 60 एमव्हीए की हो जायेगी। साथ ही मनेन्द्रगढ़ से मरवाही क्षेत्र के लिए, जो विद्युत प्रदाय किया गया है उससे हमेशा के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बन गई है। इस क्षेत्र के विद्युत आपूर्ति को गुणवत्तापूर्ण एवं सतत् बनाने हेतु क्षमता वृद्धि की इस व्यवस्था को एक उपलब्धि के रूप में भी देखा जा रहा है। अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र के विद्युत ट्रान्सफार्मर के खराब होने पर अकल्पनीय कठिनाई का सामना करने की स्थिति बन सकती थी, जिसे विभाग के तत्परतापूर्वक कार्यवाही से इस चुनौती को युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर विद्युत आपूर्ति को सामान्य किया गया, जिससे क्षेत्र में संतोष है। नई व्यवस्था से विद्युत की उपलब्धता एवं सतत् आपूर्ति से क्षेत्र को लाभ भी मिलेगा।