रायपुर। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्गों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपनेे निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में अन्य पिछड़ा वर्गों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना की तैयारियों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा इस गणना के लिए एक सदस्यीय क्वांटिफिएबल डाॅटा आयोग का गठन सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सी.एल.पटेल की अध्यक्षता में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि आयोग द्वारा संभागीय मुख्यालयों में सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर उनसे इस गणना के संबंध में विचार-विमर्श किया जाए और उनके सुझाव भी लिए जाएं। गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा 4 सितम्बर 2019 को अध्यादेश के माध्यम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया। उच्च न्यायालय द्वारा इन प्रावधानों के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वांटिफिएबल डाॅटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तारतम्य में राज्य शासन द्वारा क्वांटिफिएबल डाॅटा आयोग का गठन किया गया है।
चिप्स द्वारा अन्य पिछड़ा वर्गों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण कर क्वांटिफिएबल डाॅटा एकत्र करने के लिए पोर्टल www.cgqdc.in एवं मोबाइल एप तैयार किया गया है। जिस पर चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह, वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. और क्वांटिफिएबल डाॅटा आयोग के सचिव बी.सी.साहू बैठक में उपस्थित थे। महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए।