रायपुर। छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिये सुराजी गांव योजना क्रियान्वयन की जा रही है। इस योजना में नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के संवर्धन और विकास के काम शुरू किए गए है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंधी में आयोजित पंच-सरपंच महासम्मेलन और कृषि उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने सीपत को तहसील का दर्जा देने और गांव के हायर सेकेण्डरी स्कूल को शहीद विनोद कौशिक के नाम पर करने की घोषणा भी की। उन्होंने इस अवसर पर 18 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकापर्ण-भूमिपूजन किया।
कार्यक्रम में उपस्थित पंच-सरपंचों को संबोधित करते हुए श्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुराज गांव योजना के तहत गांवों में 5 से 10 एकड़ जमीन सुरक्षित रखकर वहां गौठान निर्माण किया जा रहा है। लेकिन गौठानों में प्रबंध करने का कार्य ग्रामीणों का है। गौठानों में गायों की सेवा बारहों महीने की जाएगी। ग्रामीण दिन में अपने गायों को गौठान में लाये और रात को घर ले जायें। अभी 1500 गौठान प्रदेश में बनाये गये हैं। आने वाले साल में 3 हजार गौठान बनाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि आपके सामने है। किसानों का ऋणमाफी, बिजली बिल हाफ करना, 35 किलो चावल, वन अधिकार पत्र, नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के अभिनव कार्य किये गये। हमारे पुरखों का सपना साकार करना है और यह तभी होगा जब छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ न्याय होगा और हर हाल में उनके जेब में प्रति क्विंटल धान का 25 सौ रूपये जायेगा। मुख्यमंत्री ने किसानों से अनुरोध किया कि वे आस-पड़ोस के राज्यों से धान लाकर बेचने वाले कोचिया, दलालों को रोकने में मदद करें। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपने ऋण-पुस्तिका से दूसरे का धान नहीं बेचे और यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसे भी रोकें।