कोदो-कुटकी और रागी की खेती को लेकर वनांचल के किसानों ने उत्साह, अब तक हो चुकी 87 हजार 780 हेक्टेयर में बोनी

रायपुर। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की शुरूआत किए जाने के साथ ही कोदो-कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा के चलते वनांचल के किसानों ने इसकी खेती को लेकर उत्साह है। किसान तेजी से कोदो-कुटकी और रागी बुआई में लगे हैं। चालू खरीफ सीजन में अब तक 87 हजार 780 हेक्टेयर में कोदो-कुटकी और रागी की बुआई पूरी कर ली गई है। इस साल राज्य में एक लाख एक हजार 840 हेक्टेयर में इसकी बुआई का लक्ष्य है, जो बीते खरीफ सीजन में 71 हजार 290 हेक्टेयर की तुलना में लगभग 25 हजार हेक्टेयर अधिक है। मिशन मिलेट के तहत किसानों को कोदो-कुटकी और रागी की उन्नत खेती के लिए कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों द्वारा आवश्यक जानकारी एवं प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि देश-विदेश में मिलेट की अच्छी मांग और अच्छी कीमत मिलती है। मिलेट की डिमांड को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इसकी वैज्ञानिक पद्धति एवं उन्नत तरीके से खेती को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ मिशन मिलेट शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत मिलेट्स की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और राज्य के 14 मिलेट उत्पादक जिलों के बीच बीते 10 सितंबर को एमओयू किया जा चुका है, जिसमें कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर और जशपुर जिला शामिल हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में कोदो-कुटकी, रागी को शामिल किया गया है। योजना के तहत इनपुट सब्सिडी दिए जाने के प्रावधान ने किसानों के उत्साह को दोगुना कर दिया है। कोदो-कुटकी, रागी के उत्पाद कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए तथा खरीफ सीजन 2020 में धान उत्पादन वाले रकबे में इस साल कोदो-कुटकी और रागी का उत्पादन करने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।

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