रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बुनकर परिवारों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को छात्र प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्र कुमार, छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष मोतीलाल देवांगन, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी शामिल हुए।
राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस पर प्रदेश के सभी बुनकर परिवारों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी आंदोलन प्रमुख आंदोलनों में था। स्वदेशी उद्योगों, स्वदेशी भावनाओं को प्रोत्साहित करने में हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। सामाजिक-आर्थिक विकास में हाथकरघा बुनकरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हाथकरघा बुनकरों व श्रमिकों को अधिक से अधिक अवसरों द्वारा सशक्त बनाने के लिए हम सभी संकल्पबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में हाथकरघा कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ में हाथकरघा बुनकरों के कल्याण और विकास की जो जिम्मेदारी संघ को सौंपी गई है, वो उसे बहुत गम्भीरता से निभा रहे हैं। हाथकरघा बुनकरों के कारोबार में 60 हज़ार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। खुशी की बात है कि विगत ढाई वर्षों में संघ के माध्यम से 745 करोड़ के वस्त्रों की आपूर्ति सरकारी विभागों को की गई है, जिससे बुनकरों को 220 करोड़ रुपए के पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बुनकर परिवारों के विद्यार्थियों को छात्र प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए।#NationalHandloomDay pic.twitter.com/yPjsp5O3aU
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 7, 2021
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में हथकरघा बुनकरों के कल्याण हेतु उठाये जा रहे कदमों के सम्बंध में जानकारी देते हुए कहा जून 2020 में बुनाई कला को प्रोत्साहित करने के लिए राज राजेश्वरी करुणा माता प्रोत्साहन पुरस्कार योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत हर साल हथकरघा पर सूती वस्त्र उत्पादन करने वाले दो बुनकरों को 1-1 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जा रहा है। कोविड काल मे 7 हज़ार बुनकरों को 8 करोड़ रुपए के पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। प्रसन्नता का विषय है संघ द्वारा बुनकरों के परिवार के सदस्यों के कल्याण हेतु भी कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आज बुनकर परिवारों के बेटे-बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। प्रदेश के 14 जिलों के 623 बच्चों को पुरस्कृत किया जा रहा है। इन प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को 4000 रुपए से 20,000 रुपए तक पुरस्कार राशि दी जा रही है। निश्चित ही इस कोरोना काल में यह मददगार साबित होगा। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।