मुरायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वन अधिकार अधिनियम के संबंध में तैयार वृत्त चित्र (टीजर) का विमोचन किया। यह वृत्त चित्र वन अधिकार मान्यता प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में समुदाय और मैदानी अधिकारियों के लिए मददगार साबित होगा। इस वृत्तचित्र में सामुदायिक अधिकारों और सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों और व्यक्तिगत वन अधिकारों की व्याख्या की गई है। यह वृत्तचित्र आदिमजाति अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान, छत्तीसगढ़ ने यूएनडीपी-छत्तीसगढ़ के तकनीकी सहयोग से तैयार किया है।
वन अधिकार अधिनियम को इस वृत्त चित्र के माध्यम से सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत किया गया है। वन अधिकार अधिनियम 2006 एक ऐसा ऐतिहासिक कानून है, जो वन भूमि के नियंत्रण एवं प्रबंधन, भूमि अधिकारों में समानता, सुरक्षित आजीविका, पारिस्थितिकी पर्यावरण का सतत परिचालन और महिलाओं के सम्मान और मुक्त भागीदारी के साथ एक न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करने के लिए ग्रामसभा को अधिकार प्रदान करने के साथ-साथ उसे और अधिक सशक्त करता है।
वन अधिकार अधिनियम लागू होने के 15 साल बाद भी इसकी सम्पूर्ण उपलब्धि के लिए हितधारकों की भागीदारी और संस्थान के हर स्तर पर क्षमता निर्माण की आवश्यकता है। यह वृत्तचित्र बिना किसी बाहरी निर्भरता के अधिक प्रभावी ढंग से वन अधिकार मान्यता प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में समुदाय और मैदानी अधिकारियों के लिए मददगार साबित होगा। यूट्यूब, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अन्य आवश्यक माध्यमों के माध्यम से वृत्तचित्र का वृहद स्तर पर उपयोग किया जाएगा।