रायपुर(बीएनएस)। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज अम्बिकापुर मुख्यालय स्थित कन्या शिक्षा परिसर में राज्य स्तरीय राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभांरभ बच्चों को एल्बेंडाजाॅल की गोली खिलाकर किया। राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 24 फरवरी को 10वें चरण का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिल कर किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के 27 जिलों के करीब 1 करोड़ 13 लाख 1 से 19 वर्ष के बच्चों और किशोर तथा किशोरियों को 56384 स्कूलों और 52474 आंगनबाडी केन्द्रों कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चों को 28 फरवरी को माॅप-अप दिवस पर कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि स्वस्थ बच्चे मानसिक रूप से भी सशक्त होते हैं उनमें कार्यक्षमा भी अधिक होती है। स्वस्थ भविष्य के लिए बच्चों का स्वस्थ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान कराना सरकार का कर्तव्य है इसी को दृष्टिगत रखते हुए बच्चों को बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए कृमिनाशक दवा खिलाया जा रहा है। पेट में कृमि होने से बच्चे कुपोषण तथा एनिमिया का शिकार हो जाते है और उनके शारीरिक विकास ठीक से नही हो पाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में कृमि संक्रमण से जुडे जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 24 फरवरी को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा और मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समुचित सहयोग से आयोजित एक अखिल भारतीय जन स्वास्थ्य कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी में एक साल से 19 साल तक के सभी बच्चों एल्बेंडाजाॅल की दवाई खिलाकर कृमिमुक्त किया जाएगा। अनुपस्थिति या बीमारी के कारण जिन बच्चों को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस पर कृमि नियंत्रण की दवाई नहीं खिलाई जा सकी उन्हें 28 फरवरी को माॅप-अप दिवस पर कृमि मुक्त किया जाएगा।
राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ में सभी बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी स्थिति और संज्ञानात्मक विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है। आम तौर पर यह देखा गया है की कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और उनके समग्र विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। डब्ल्यू.एच.ओ. के रिपोर्ट अनुसार विश्व में भारत उन देशों में से एक है जहाँ कृमि संक्रमण और इससे संबंधित रोग सबसे अधिक पाए जाते हैं। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेडाजाॅल (400मि.ग्रा.) दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है जो साक्ष्य आधारित और वैश्विक स्तर पर स्वीकृत है। राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस की रूपरेखा इस तरह तैयार की गई है की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के अपराहांत इस कार्यक्रम की पहुॅच सभी बच्चों तक सुनिश्चत की जा सकें।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के आने वाले चरण में छत्तीसगढ़ के सभी निजी स्कूलों और स्कूल न जाने वाले बच्चों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा ताकि राज्य के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति के उपचार का लाभ मिल सके। स्कूल न जाने वाले बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर मितानिन कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में कृमि नियंत्रण की दवाई खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को एवीडेन्स एक्शन की तकनीकि सहायता से आयोजित किया जा रहा है।