रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत कृषि सहकारी समिति सरखो धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने धान बेचने आए किसानों से चर्चा कर टोकन एवं धान खरीदी व्यवस्था संबंधी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने हाथों से धान को रगड़ कर चावल निकाला और धान में टूट और पाखड़ की गुणवत्ता का अवलोकन किया। उन्होंने मंडी फड़ में सरखो के किसान घासीराम साहू, संजय साहू, रेशमलाल साहू, केदारनाथ साव और हनुमान दास से चर्चा कर एकड़ के हिसाब से धान का उत्पादन, धान बेचने में कोई परेशानी तो नहीं, यहाँ की व्यवस्था, धान बेचने के बाद राशि खाता में आया कि नही, टोकन मिलने में कोई दिक्कत तो नहीं हो रहा है आदि की जानकारी प्राप्त की। किसानों ने मंडी की व्यवस्था पर संतुष्टि जाहिर की।
मुख्यमंत्री ने सरखो में गोधन न्याय योजन के तहत गोबर संग्राहकों से गोबर विक्रय की जानकारी ली। गोबर विक्रेता तेंदुभाठा निवासी धनकुल ने बताया कि वे अब तक गोबर एकत्र कर 24 हजार रुपये का गोबर बेच चुका है और प्राप्त राशि से अपने लड़के के शादी के शेष कर्ज को चुका दिया है, गोबर विक्रेता संजय यादव ने बताया कि वे 29 हजार रुपए का गोबर बेच चुका है और गोबर से प्राप्त राशि से तीन गाये भी खरीदे है। कुछ पैसे बैंक में जमा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खुशी जाहिर करते हुए किसानों को लगन और मेहनत से और अच्छा काम करने की अपील की।
श्री बघेल ने सरखो सोसायटी स्थित हनुमान मंदिर का पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के खुशहाली के लिए भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव सहित सोसायटी के किसान उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि आदर्श धान उपार्जन केन्द्र सरखो में 1068 किसानों का पंजीयन है। अब तक 869 किसानों के द्वारा 37 हजार 629 क्विंटल धान बेचा जा चुका है। इस केन्द्र में 46 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। जिनमें से 81.4 प्रतिशत धान की खरीदी हो चुकी है। किसानों को अब तक 7.05 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है। खरीदे गए धान में से 22 हजार 610 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। केन्द्र के पंजीकृत 1068 किसानों का कुल रकबा 1243.22 हेक्टेयर है। इस आदर्श धान उपार्जन केंद्र में धान को सुरक्षित रखने के लिए चबूतरा और अहाता निर्माण किया गया है। पर्यावरण एवं सुंदरता को ध्यान में रखते हुए प्लांटेशन भी किया गया है। पंजीकृत किसानों की संख्या के आधार पर धान तौल की व्यवस्था भी की गई है इसके अलावा बेमौसम बारिश से सुरक्षित धान रखने के लिए तिरपाल आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।