मुख्यमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं द्वारा महुआ से सेनेटाईजर बनाने के नवाचार को सराहा

रायपुर। विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने रायपुर निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के महिला स्व सहायता समूहों से भी सीधे रू-ब-रू हुए। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में महुआ से सेनिटाईजर बनाने वाली सिनगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए उनके इस नवाचार की सराहना की। समूह की सचिव करूणा भगत ने मुख्यमंत्री को बताया कि वन विभाग से मिलकर वनधन विकास योजना के तहत् 10 आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाएं सेनिटईजर बनाने का कार्य रही हैं। मई माह से अब तक 3150 लीटर सेनिटाईजर वे बना चुके हैं। समूह द्वारा 1152 लीटर सेनिटाईजर का विक्रय कर 5 लाख 52 हजार रूपए अर्जित किया है। इससे समूह को 1 लाख 35 हजार की राशि का मुनाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने महुआ से लड्डू बनाने वाली स्व-सहायता समूह की सचिव दुर्गा भगत से महुआ लड्डू की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए नए-नए प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने इसी तरह जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम विपतपुर के महुआ संग्राहक सोहन खलखो से संग्रहण की जानकारी ली। सोहन खलखो ने मुख्यमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महुआ का समर्थन मूल्य में 17 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए कर देने से लोगों को बेहतर आमदनी प्राप्त हुई है। बाजार में महुआ का रेट बढ़कर 40 रूपए हो गया। उन्हें इस वर्ष 28 हजार रूपए का लाभ हुआ। इस मौके पर जशपुर कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में जनपद पंचायत अध्यक्ष कल्पना लकड़ा, कलेक्टर महादेव कावरे सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि और प्रयास व एकलव्य विद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राएं और स्व-सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थीं।

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