मुख्यमंत्री ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नवनिर्मित डेडीकेटेड कोविड अस्पताल और कोविड लैब का किया लोकार्पण

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नवनिर्मित डेडीकेटेड कोविड अस्पताल और कोविड लैब का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जिले में नयी स्वास्थ्य सुविधा के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस मौके पर जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की घोषणा भी की। लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने की। इस अवसर पर राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोकसभा सांसद ज्योत्सना महंत, मरवाही विधायक डॉ के. के. ध्रुव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा मुख्यमंत्री निवास से वन मंत्री मोहम्मद अकबर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अब पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में भी कम हो रही है। नये मरीज भी अब कम आ रहे हैं। यह हम सबके लिए राहत की बात है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम निश्चिंत हो जाएं। पहली लहर के बाद जब कुछ महीनों के लिए कोरोना कम हो गया था, तब हम लोग थोड़े असावधान हो गए थे। उसी असावधानी की कीमत हम लोगों को आज चुकानी पड़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है, जो हो सकता है कि दूसरी लहर से भी ज्यादा चुनौती खड़ी कर दे, लेकिन यदि हम सब सावधान रहेंगे तो इस तीसरी लहर को आने ही नहीं देंगे। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही छत्तीसगढ़ का नया जिला है, यहां अलग ही तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सबने मिलकर कोरोना का मुकाबला सफलता के साथ किया है। शासन ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तेजी से संसाधन जुटाए हैं। हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करके उनका उपचार सुनिश्चित किया है।

श्री बघेल ने कहा कि कोरोना का मुकाबला हम पूरी मजबूती के साथ कर सकें, इसी सिलसिले में जिला मुख्यालय में 30 लाख रुपए की लागत से 66 बेड डेडीकेटेड कोविड अस्पताल की स्थापना की गई है। इस नये अस्पताल में वेंटीलेटर सहित सभी जरूरी सुविधाएं होंगी। अस्पताल के लिए एक वैंटीलेटर, 4 बाईपेप मशीन, सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन स्थापित की गई है। डेडीकेटेड अस्पताल में 150 आक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में 44 सामान्य आक्सीजन बेड, 6 एचडीयू बेड तथा 6 आईसीयू बेड होंगे। इन्हें मिलाकर कुल 66 बिस्तरों वाला यह अस्पताल होगा। 6 बेड प्रेगनेंट, पोस्ट एवं प्री प्रेगनेंट कोविड मरीज महिलाओं के उपचार के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस अस्पताल का संचालन चौबीसों घंटे होगा। 7 डॉक्टरों तथा 6 नर्सों की टीम यहां तैनात की गई है। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से मास्क लगाने, हाथों को सेनेटाईज करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा अपनी पारी आने पर कोरोना का टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया।

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि इस अस्पताल के शुरु हो जाने से अब गंभीर कोविड मरीजों का उपचार यहीं पर हो सकेगा। गंभीर मरीजों को दूसरे जिले में रिफर नहीं करना पड़ेगा। कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई को यह नया अस्पताल मजबूती देगा। राजस्व मंत्री एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने नये जिले में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री और जिलेवासियों को बधाई दी। सांसद ज्योत्सना महंत ने कोरोना काल की विषम परिस्थिति में कोराना संक्रमण से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए कोविड अस्पताल शुरू करने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। मरवाही विधायक डॉ. के.के. ध्रुव ने भी नए जिले में स्वास्थ्य सुविधा के लिए मुख्यमंत्री और जिलेवासियों को बधाई दी।

लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।

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