कृषि आधारित गतिविधियों को और बढ़ावा दें : कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

रायपुर। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज नवा रायपुर स्थित शिवनाथ भवन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मंडी बोर्ड एवं बीज विकास निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर सभी विभागों के काम-काज की गहन समीक्षा की। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में खेती-किसानी और इससे संबंधित गतिविधियों के विस्तार को लेकर अपेक्षाएं बढ़ी हैं। लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र में और अधिक बेहतर तरीके से काम करने की जरूरत है। कृषि मंत्री ने कृषि एवं संबंधित विभागो के अधिकारियों को विभागीय योजनाओं का लाभ किसानों को पहुंचाने की दिशा में और अधिक संजीदगी से काम करने की बात कही। खरीफ सीजन में खाद-बीज की बेहतर व्यवस्था के लिए उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि रबी में भी इसी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। बैठक में संसदीय सचिव शंकुतला साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक हिमशिखर गुप्ता, संचालक कृषि निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, जलग्रहण मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगदीश सोनकर, संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन व्ही. सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में राज्य में खरीफ फसलों की वर्तमान स्थिति, धान के उत्पादन, धान खरीदी की व्यवस्था, समितियों में चबूतरा एवं शेड निर्माण के संबंध में भी चर्चा की गई। कृषि मंत्री ने सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी एवं जैविक खाद के उत्पादन के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु की विविधता एवं फसलोत्पादन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसको बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने सुराजी योजना के तहत बाड़ी विकास कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने तथा राज्य में जलवायु के अनुसार उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में आगामी रबी सीजन की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। बैठक में कृषि संचालक निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि रबी की विभिन्न फसलों के लिए मांग के आधार पर प्रमाणित बीज का भण्डारण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक लाख 14 हजार 385 क्विंटल गेंहू बीज तथा 16 हजार 200 क्विंटल मक्का बीज की मांग को देखते हुए समितियों में इनका भण्डारण कराया जा रहा है। दलहन फसलों के अंतर्गत चना, मटर, मसूर, मूंग, उड़द तथा तिवड़ा के बीज की कुल मांग एक लाख 31 हजार 285 क्विंटल तथा तिलहन की विभिन्न फसलों के 24 हजार 470 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया जा रहा है। अक्टूबर माह के अंत तक शत-प्रतिशत बीज भण्डारण का लक्ष्य है। बैठक में जल ग्रहण मिशन के अंतर्गत संचालित परियोजनाओं के काम-काज की भी समीक्षा की गई।

कृषि मंत्री ने गौठानों में पशुओं के लिए पैरा-चारा की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अधिकारियों को अभी से प्रयास शुरू करने तथा गौठान समितियों को धान-पैरा सहजता से एकत्र करने के लिए बेलर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। राज्य में गठित होने वाली नवीन सोसायटियों के संचालन के लिए भी आवश्यक अधोसंरचना के निर्माण के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गए।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.