मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में अतिवृष्टि, नदी-नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी कलेक्टरों को अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। दिनभर विधानसभा सत्र में भाग लेने के तत्काल बाद थकान की परवाह किये बिना मुख्यमंत्री देर रात अपने निवास कार्यालय से विडीयो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से उत्पन्न स्थिति और राहत कार्यो की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से कई जिलों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है। कोविड-19 संक्रमण के साथ-साथ अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति से निपटना दोहरी चुनौती है। उन्होंने सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को स्थिति पर लगातार निगरानी रखने तथा बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्परता से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू तथा पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि लगातार बारिश की वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है। नदी-नाले उफान पर हैं। शहरी इलाकों में भी निचली बस्तियों में भी पानी भर गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना एवं उन्हें राहत कैम्पों में ठहराने के साथ ही उनके भोजन-पानी एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए राहत कैम्पों में भी फिजिकल डिस्टेंसिग, सेनेटाईजेशन सहित अन्य माकूल इंतजाम किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से पेजयल स्रोत दूषित हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में उन इलाकों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों के पेयजल स्रोतों के क्लोरीनाईजेशन एवं चिकित्सा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक-एक कर सभी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से बारिश और बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने आपात स्थिति से निपटने के लिए रेस्क्यू टीम को अलर्ट रखने को कहा। उन्होंने कलेक्टरों को राजस्व, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, वन विभाग के अमले की संयुक्त टीम प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तैनात करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से जिलों के बांध एवं सिंचाई जलाशयों में जल-भराव की स्थिति की भी जानकारी ली और सतत् निगरानी के निर्देश दिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में अतिवृष्टि की वजह से राज्य में प्रभावित लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 219 राहत कैम्प संचालित किए जा रहे हैं। अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से 11 हजार 942 मकान आंशिक एवं पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं । बीते 24 घंटे में राज्य के जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, रायगढ़ एवं रायपुर में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है। जांजगीर-चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव एवं बलौदाबाजार में कहीं-कहीं बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है।

बैठक में कलेक्टर जांजगीर-चांपा ने बताया कि महानदी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हीराकुण्ड बांध का गेट कलेक्टर संबलपुर से आग्रह कर खुलवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ की वजह से चार हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में बाढ़ प्रभावित 2091 लोगों को 45 राहत शिविरों में ठहराया गया है। रायगढ़ कलेक्टर ने भी बताया कि बरमकेला इलाके के 18 और पुसौर क्षेत्र के 9 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जिले में 21 राहत कैम्प में 2389 लोगों को ठहराया गया है। बलौदाबाजार में अतिवृष्टि की 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है और यहां 24 कैम्पों में 1393 लोगों को ठहराया गया है। कलेक्टर बलौदा बाजार ने बताया कि बाढ़ में फंसे 35 लोगों को सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर में पहुंचाया गया है। कलेक्टर राजनांदगांव ने बताया कि राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग बंद है। खैरागढ़ स्थित आमनेर नदी के पुल के ऊपर पानी बह रहा है। शिवनाथ नदी के किनारे की बस्तियों में पानी भरा है। उन्होंने बताया कि जिले के मोंगरा बैराज, सूखा नाला एवं घुमरिया बैराज से 38 हजार क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा रहा है।

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