रायपुर(बीएनएस)। लाॅकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल एवं निर्देशन में राज्य सरकार ने 14 अप्रैल शाम 4 बजे तक संकटग्रस्त 64 हजार 416 श्रमिकों को भोजन, ठहरने और चिकित्सा सुविधा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर उन्हें राहत पहुंचायी हैं। इनमें अब तक छह हजार 556 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के लिए लगभग 19 लाख 12 हजार रूपए भी जमा करवाया गया है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक देश के 20 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में संकट की स्थिति में होने के संबंध में जानकारी मिली है।
श्रम विभाग के अधिकायरियों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संकटग्रस्त 6556 श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए तात्कालिक व्यवस्था के रूप में जिला बेमेतरा के 4879 श्रमिकों के खाते में 15 लाख 45 हजार रूपए, मुंगेली जिले के 1483 श्रमिकों के खातें में एक लाख 73 हजार रूपए और कबीरधाम जिले के 194 श्रमिकों के खातें में प्रति श्रमिक 1000 रूपए की मान से एक लाख 94 हजार रूपए जमा कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों का दल गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है। इसके लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 सहित जिला स्तर पर भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन पर श्रम विभाग के सचिव सोनमणी बोरा के मार्गदर्शन में अन्य प्रदेशों के स्थानीय प्रशासन से सतत् समन्वय कर श्रमिकों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है।
Relief provided to 64,416 #Migrant workers of Chhattisgarh stranded in 20 states & 4 UT's amid lockdown threat to prevent COVID-19.
19,12,000 Rs deposited in the account of 6656 workers for immediate arrangement of necessaties.#CGfightsCorona
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 15, 2020
अधिकारियों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 27 जिलों के श्रमिक 20 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी मिली है। सबसे ज्यादा श्रमिक जम्मू में 15 हजार 855, महाराष्ष्ट्र में 11 हजार 718, उत्तरप्रदेश में 10 हजार 365, तेलंगाना में 7 हजार 927, गुजरात में 5 हजार 599, और मध्यप्रदेश में एक हजार 686 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार हिमाचाल प्रदेश में में 1 हजार 575, कर्नाटक में एक हजार 427, तमिलनाडू में एक हजार 404 तथा दिल्ली में एक हजार 228 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी हेल्पलाईन नम्बर सहित विभिन्न माध्यमों से मिली है।
अधिकारियों में बताया कि लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त अथवा फंसे हुए श्रमिकों में छत्तीसगढ़ के मुंगेली से छह हजार 144, कबीरधाम से पांच हजार 850, राजनांदगांव से पांच हजार 365, जांजगीर-चांपा से 11 हजार 159, बलौदाबाजार से 20 हजार 424, बेमेतरा से तीन हजार 559, रायगढ़ से दो हजार 112, बिलासपुर से चार हजार 129, सूरजपुर से 464, दुर्ग से एक हजार 187, बालोद से 332, गरियाबंद से 622, रायपुर से एक हजार 352 और कोरबा जिले से 327, महासमुन्द से 424 श्रमिक फंसे हुए है। जिनकी राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, कारखाना प्रबंधकों, नियोजकों और ठेकेदारों से समन्वय कर सतत् निगरानी की जा रही है तथा उनके खाने-पीने, रहने सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।