रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल और हाई स्कूल के बच्चे अब स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई करेंगे। प्रदेश में पहली बार प्रदेश के चार हजार 330 हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित ’ई-क्लास’ रूम और लैब की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के इन स्कूलों में आधुनिक तकनीकी से उच्च गुणवत्ता पूर्ण पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा देने का इंतजाम किया जा रहा हैै। सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन स्कूलों में शिक्षा अब ’ब्लैक-बोर्ड से की-बोर्ड’ की ओर अग्रसर हो रही है। प्रथम चरण में राज्य के सात जिले रायपुर, बालोद, बेमेतरा, महासमुंद, राजनांदगांव, दुर्ग, धमतरी जिले के 515 स्कूलों में ई-क्लास कम्प्यूटर लैब तथा 768 स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम की स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आईसीटी योजना के अंतर्गत 50 मास्टर ट्रेनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र में दी।
आईसीटी लैब में नई तकनीक अनुकूलित शिक्षण मंच ¼adaptive learning platform) और लर्निंग मेनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। पाठ्य सामग्री बिना इंटरनेट के भी आफलाईन उपयोग की जा सकेगी। इसका प्रयोग कक्षा में विषय शिक्षक के नहीं आने पर भी किया जा सकेगा। आधुनिक तकनीक से दी जाने वाली इस शिक्षा में कक्षावार और विषयवार मल्टी मीडिया पाठ्य सामग्री तैयार की गई है। इसमें बच्चों के पढ़ाई के स्तर के आकलन के लिए प्रश्न बैंक भी हैं। स्कूलों मेंआधुनिक तकनीक से पढ़ाई जाने वाली गतिविधियों की मॉनिटरिंग राज्य स्तर पर ऑनलाइन सर्वर में की जाएगी।
प्रशिक्षण में बताया गया कि आईसीटी योजना के तहत 100 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रथम चरण में 50 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। द्वितीय चरण में बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कांकेर, जशपुर, कोण्डागांव, कोरबा, सुकमा, गरियाबंद, बलरामपुर, दंतेवाड़ा, सूरजपुर, सरगुजा, नारायणपुर और कोरिया जिले के 50 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर्स अपने क्षेत्र में स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। एक स्कूल में आठ शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है।