रायपुर(बीएनएस)। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के कारण देशव्यापी लाॅकडाउन से प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को पडने वाले आर्थिक बोझ कम करने का अनुरोध प्रमुख सचिव उद्योग द्वारा किया गया है। कल हुई वीडियो काॅफे्रसिंग में उन्होंने केन्द्रीय विकास आयुक्त राममोहन मिश्रा से औद्योगिक गतिविधियों को गति देने के लिए कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने, एनएमडीसी, एसईसीएल के माध्यम से लौह एवं कोयला आपूर्ति के लिए 50 प्रतिशत अग्रिम राशि लेने सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और विभिन्न सुझाव दिए।
प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव, मनोज कुमार पिंगुआ ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य के उद्योगों को लाॅकडाउन अवधि के दौरान श्रमिकों को भुगतान किये जाने पर उद्योगों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने हेतु भारत सरकार से मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्रीय विकास आयुक्त से अनुरोध किया कि प्रदेश के उद्योगों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों जैसे- भिलाई इस्पात संयंत्र, एनएमडीसी, एनटीपीसी, रेलवे आदि को सप्लाई किये गये ऑर्डर का लंबित भुगतान तत्काल किये जाने की व्यवस्था करने तथा भविष्य में प्रदाय किये जाने वाले वर्क आर्डर के साथ 30 प्रतिशत राशि अग्रिम भुगतान किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसी प्रकार प्रदेश के उद्योगों द्वारा लिये गये टर्मलोन एवं कार्यशील पूंजी ऋण पर बैंकों द्वारा लिये जा रहे ब्याज की दरों को आधा किये जाने एवं मासिक किश्तों की वसूली को कम से कम 06 माह के लिए स्थगित किये जाने का अनुरोध किया।
वीडियों काॅफ्रेसिंग में श्री पिंगुआ ने यह भी अनुरोध किया कि प्रदेश के उद्योगों को एसईसीएल, एनएमडीसी से प्राप्त होने वाले कोयला एवं लौह अयस्क हेतु पूरी राशि एडवाॅस में भुगतान की वर्तमान व्यवस्था को परिवर्तित कर प्रतिमाह आवश्यक कच्चे माल की राशि का 50 प्रतिशत राशि एडवाॅस भुगतान पर कच्चा माल प्रदान कर शेष राशि कच्चा माल प्रदाय के 15 दिनों बाद प्राप्त की जाये। श्री पिंगुआ ने यह भी सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार बुनियादी अधोसंरचना निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करे, ताकि कोर सेक्टर के उद्योगों के उत्पादों की मांग में वृद्धि हो। साथ ही केन्द्रीय सचिव से प्रदेश के उद्योगों को लाॅकडाउन के कारण आवश्यक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए रिजर्व बैंक से चर्चा करने का सुझाव भी दिया। केन्द्रीय विकास आयुक्त द्वारा राज्य शासन के सुझावों पर विचारोपरांत उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।