रायपुर(बीएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से प्रदेश की जेलों में परिरूद्ध बंदियों और जेल के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बातचीत कर वहां कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों सहित अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर की केन्द्रीय जेल सहित प्रदेश की पांच केन्द्रीय जेल, जिला और उप जेलों के अधिकारियों और बंदियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने जेल में सोशल डिस्टेंसिंग मास्क का उपयोग और बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियां का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। इस अवसर पर गृह एवं जेल मंत्री ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न वर्गो लगातार बात कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज जेलों में बंद एवं विचाराधीन कैदियों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जेलों में स्वच्छता, बंदियों के स्वास्थ्य, भोजन व्यवस्था, बंदियों की मुलाकात व्यवस्था, स्वस्थ मनोरंजन, बंदियों को विधिक सहायता और बंदियों की रिहाई तथा जेलों में संचालित लघु उद्योगों की जानकारी अधिकारियों से ली। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जेलों के अधिकारियों और कैदियों से चर्चा के दौरान कहा कि कोविड-19 का संक्रमण एक वैश्विक आपदा है। इससे बचाव में ही सभी की सुरक्षा है। श्री बघेल ने जेल में काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों से कहा कि बाहर के लोगों से सामाजिक दूरी बनाके रखें। उन्होंने कहा कि संक्रमण के रोकथाम के उपायों पर कड़ाई से अमल किया जाए। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में पांच केन्द्रीय जेल, 12 जिला जेल एवं 16 उप जेल संचालित है। जेलों की कुल आवासीय क्षमता 12 हजार 823 है। जिसके विरूद्ध 1 अप्रैल 2020 की स्थिति 17 हजार 131 बंदी (दंडित 8151 एवं विचाराधीन 8980) परिरूद्ध रहें।
Had a discussion with officials and prisoners via video conferencing of 5 central jails, district and sub-jails of the state including the Raipur central jail.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 7, 2020
Took an assessment of all the steps and measures being taken to curb the spread of COVID-19 https://t.co/vn6rzzjV60
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जेलों में परिरूद्ध बंदियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बंदियों की प्रारंभिक जांच कराने एवं सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई आमद के बंदियों को पृथक वार्ड में निर्धारित समय तक रखा जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों ने बताया कि जेल में बंद बंदियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जेल परिसर एवं वार्ड में नियमित रूप से साफ-सफाई एवं स्वच्छता की व्यवस्था सुदृढ़ की गई है। इसके साथ ही सभी बंदियों को आवश्यकतानुसार मास्क तथा साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त साबुन उपलब्ध कराया गया है और उन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बंदियों के भोजन व्यवस्था, मुलाकाती व्यवस्था तथा स्वस्थ मनोरंजन आदि के संबंध में भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जेल में बंद सभी बंदियों को नियमानुसार ताजा एवं गर्म भोजन दिया जा रहा है। प्रतिदिन बदल-बदल कर सब्जियां भी दी जा रही है। जिससे उनका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बना रहे। जेलों में बंदियों को उनके परिजनों से दी जाने वाली मुलाकात पर 14 मार्च 2020 से पाबंदी लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में बंदियों को उनके सगे संबंधियों से काॅलिंग सिस्टम के माध्यम से बातचीत करायी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के जेलों में बंदियों के स्वस्थ मनोरंजन के लिए रंगीन टी.व्ही., रेडियों, शतरंज, कैरम के साथ-साथ समाचार पत्र-पत्रिकाएं तथा ज्ञान वर्द्धक पुस्तक भी उपलब्ध करायी जा रही है।
आज राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल सहित प्रदेश की 5 केंद्रीय जेल, जिला और उप जेलों के अधिकारियों और कैदियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 7, 2020
इस दौरान कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों की जानकारी प्राप्त की। pic.twitter.com/TX81tHcmvd
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 5 अप्रैल 2020 की स्थिति में रिहा किए गए बंदियों की जानकारी तथा जेलों में परिरूद्ध बंदियों को जेल से रिहा होने के बाद समाज में सम्मानपूर्वक जीवनयापन एवं पुर्नवास के लिए दिए जा प्रशिक्षण की जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली। अधिकारियों ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 5 अप्रैल 2020 की स्थिति में कुल 1193 बंदियों को रिहा किया गया है, जिसमें अंतरिम/नियमित जमानत पर 892 बंदी एवं पेरोल पर 255 बंदियों को तथा सजा पूर्ण होने पर 46 बंदियों को रिहा किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में परिरूद्ध बंदियों को जेल से रिहा होने के बाद समाज की मुख्यधारा से जोड़ने तथा समाज में सम्मानपूर्वक जीवन-यापन एवं आजीविका चलाने के लिए बंदियों की पुर्नवास की दिशा में जेलों में विभिन्न प्रकार के उद्योग जैसे-लौह उद्योग, काष्टकला, बुनाई, सिलाई, पावरलूम, आफसेट प्रिटिंग मशीन आदि में प्रशिक्षित किया जा रहा है। श्री बघेल ने जेलों में कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखने के निर्देश दिए।