रायपुर। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सुकमा केे ग्राम गोंगला में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 265 जोड़ों ने गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया। कार्यक्रम में चार जोड़ों ने मसीही परम्परा के अनुसार विवाह किया और शेष जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लेकर जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लिया। वाणिज्य एवं उद्योग तथा वाणिज्य कर (आबकारी) मंत्री कवासी लखमा ने नवदंपत्तियों को सुखमय जीवन की शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। इससे पहले गोंगला के ग्राम पंचायत भवन से बैंड बाजे के साथ दुल्हों की बारात निकली, जहां ग्रामीणों और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शामिल होकर नवदम्पत्तियों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मंत्री श्री लखमा ने कहा कि बस्तर की भूमि से ही सामूहिक विवाह की परम्परा प्रारंभ हुई थी। उन्होंने कहा कि निर्धन बेटियों के विवाह में किसी प्रकार की कमी न हो, इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े के विवाह पर अब 25 हजार रुपए खर्च करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इससे नवदंपत्तियों को गृहस्थ जीवन में लगने वाली सामग्री उपहार में देने के साथ ही नगद राशि भी प्रदान की जाती है।
श्री लखमा ने कहा कि सामूहिक विवाह से आज की महंगाई के दौर में बेटियों के विवाह की चिंता गरीब माता-पिता को नहीं होती और उनके विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों के विवाह की चिंता दूर होने से अब वे बोझ नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों और गरीबों के हित के लिए कार्य करने वाली सरकार है। इस सरकार ने किसानों के धान को न्यूनतम 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के साथ ही किसानों का कर्ज माफ भी किया था। इसी सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों को तोहफा देते हुए 2500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर को बढ़ा कर 4000 रुपए किया है और बिजली बिल हाफ कर उपभोक्ताओं को राहत दी है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि हमारी बेटियां स्वस्थ रहें और सुपोषित रहें। इसके लिए उन्हें अच्छे आहार की आवश्यकता है। बेटियों के साथ ही हमारी आने वाली पीढ़ी को भी मजबूत बनाने के लिए सुपोषण योजना का संचालन भी किया जा रहा है। इसके तहत गर्भवती और शिशुवती महिलाओं तथा छोटे बच्चों को गर्म भोजन व सप्ताह में तीन दिन अंडा, तीन दिन रागी हलवा, गुड़ की टिक्की और प्रोटीन बिस्किट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे शिक्षित हों, इसलिए जगरगुण्डा, किस्टारम और भेज्जी सहित 101 स्थानों पर बंद स्कूलों को पुनः प्रारंभ किया गया। इन स्कूलों में स्थानीय युवाओं को ही शिक्षण कार्य का दायित्व भी सौंपा गया है। उद्योग मंत्री ने इस सामूहिक विवाह के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की सराहना की और नवदंपत्तियों के साथ ही आयोजनकर्ताओं को बधाई दी। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगणों के साथ ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नूतन कुमार कंवर, डिप्टी कलेक्टर श्री नभ एल स्माईल, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।