रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कहा है कि वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों के आजीविका संवर्धन के कार्य ज़िला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर किए जाए। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में मैदानी क्षेत्रों के कलेक्टर विशेष ध्यान दें, इससे लोगों को आजीविका संवर्धन के साथ साथ पर्यावरणीय लाभ भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने नाले के किनारे अथवा भाटा ज़मीन के चिन्हांकन हेतु अभियान चला कर सिंचाई की व्यवस्था करने के निर्देश सभी कलेक्टर को दिए।
लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए तैयार की जाए जिलेवार वार्षिक कार्ययोजना
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में पूर्व में जहां केवल 7 प्रकार की लघु वनोपज ही क्रय किए जाते थे, वहीं अब 50 से अधिक लघु वनोपजों का क्रय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने समस्त कलेक्टरों से उसके प्रसंस्करण एवं विपणन हेतु लक्ष्य आधारित दृष्टिकोण लेकर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ज़िलेवार वार्षिक कार्ययोजना बना कर कार्य करने के निर्देश ज़िला कलेक्टरों को दिए है जिससे वन आधारित आजीविका के नए आयाम प्राप्त हो सकें।
कलेक्टर धान ख़रीदी केन्द्रों का भ्रमण कर वहां आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगामी धान ख़रीदी सत्र हेतु कलेक्टरों को पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के दौरान किसानों की सहूलियत का भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को स्वयं भ्रमण कर धान खरीदी केन्दों में सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सूखत धान की मात्रा कम करने के लिए सभी कलेक्टर को सख़्त निर्देश दिए। खाद्य सचिव को इसका आंकलन कर कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा।
बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी.पिल्ले, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव डी.डी. सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित प्रमुख सचिव, विभिन्न विभागों के सचिव, कमिश्नर, जिलों के कलेक्टर तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।