रायपुर(बीएनएस)। दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पूरी दुनिया ने नारी शक्ति को सलाम किया। वहीं एक ओर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से एक बेहद ही संवेदनशील खबर सामने आई है। यहां एक महिला कैडेट जो कि 8 महीने की प्रेग्नेंट होने के बावजूद नक्सल ऑपरेशन पर जाने से इनकार नहीं किया। हाथ में एके- 47 और कंधे पर सामान से भरा करीब 25 किलो का बैग कंधों पर लटकाकर नक्सलियों के गढ़ दंतेवाड़ा में लोगों की सुरक्षा में तैनात है। महिला कैडेट की तस्वीर की हर तरफ चर्चा हो रही है। लाखों करोंड़ों महिलाओं के लिए बहादुरी का शानदार उदाहरण पेश कर रही हैं।
लाखों करोंड़ों महिलाओं के लिए बहादुरी का शानदार उदाहरण पेश करने वाली सुनैना मूलत: छत्तीसगढ़ के बारसुर की रहने वाली हैं। सुनैना 30 लोगों की टीम को लीड करती हैं। वह नक्सलियों से निपटने के लिए बने जिला रिजर्व गार्ड में दंतेश्वरी फाइटर की कमांडर हैं।
सुनैना पटेल 8 महीने की प्रेग्नेंट हैं और कुछ दिनों में उनकी डिलीवरी होने वाली है। यहां काम करना सुरक्षाकर्मियों के लिए खतरे से खाली नहीं होता। इसके बावजूद भी वह अपनी चिंता छोड़कर दंतेवाड़ा के जंगलों में ड्यूटी कर रही हैं। वह अपने फर्ज के आगे और कुछ नहीं समझती। यहां तक कि वो लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देती हैं।
सुनैना ने बताया कि कमांडो ट्रेनिंग के बाद टीम को लीड करने की जिम्मेदारी उन्हें मिली। कुछ महीने बाद उन्हें पता चला कि वह गर्भ से हैं। अगर वह इस बात की जानकारी अफसरों को देतीं तो शायद उन्हें ऑपरेशन पर जाने से रोक दिया जाता। ऐसे में जब तक वह छुपा सकती थीं, इस बात को छुपाया। इसके बाद डॉक्टर की सलाह लेकर सुरक्षित रहते हुए काम जारी रखने का फैसला किया। पिछले दिनों पोटाली कैंप के विरोध में गांव वाले के विरोध के दौरान भी वह मोर्चे पर तैनात थीं।
सुनैना की हिम्मत और जज्बे को हर कोई सलाम करता है। यहां तक कि उनकी बहादुरी को देखकर नक्सलियों के भी पसीने छूट जाते हैं। वह नक्सलियों के गढ़ में घुसकर पहरा दे रही हैं और उनके लिए चुनौती दे रही हैं।