रायपुर। लक्ष्य सुपोषण योजना अंतर्गत जिले के अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सेक्टर के सभी बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन भी किया जाए। अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषण स्तर पर लाना एक चुनौती है। इनको सुपोषण स्तर पर लाने के लिए संवेदनशीलता से कार्य करना होगा।
उपरोक्त बातें कलेक्टर डाॅ. एस. भारतीदासन ने आज कलेक्टोरेट के रेडक्राॅस सभाकक्ष में गठित समिति की बैठक लेकर कहीं। लक्ष्य सुपोषण कार्ययोजना के अंतर्गत जिला स्तर पर उच्च स्तरीय, क्रियान्वयन एवं निरीक्षण समिति का गठन किया गया है। इस योजना की शुरूआत जिले में 2 अक्टूबर से किया गया है।
लक्ष्य सुपोषण योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने बैठक में चयनीत बच्चों की वर्तमान स्थिति, सामग्री पूर्ति एवं निरन्तरता और उसकी उपयोगिता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर कुपाषित बच्चें जो अन्य गंभीर बीमारी जैसे हृदय में छेद होना, निमोनिया आदि के लिए विशेष स्वास्थ्य परीक्षण करने कहा। गंभीर कुपोषित बच्चों का समय-समय पर मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गौरव कुमार सिंह, अपर कलेक्टर पदमिनी भोई साहू, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास अशोक पाण्डेय, डाॅ मीरा बघेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।