युवा महोत्सव में बस्तरांचल के प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित लोक गीतों ने लोगों का खींचा ध्यान

रायपुर। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के पहले दिन आज राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राज्य के युवाओं की विविध मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों को दर्शकों की खूब सराहना मिली। ऑडिटोरियम में लोकगीत, शास्त्रीय गायन एवं गिटार वादन की प्रतियोगिता में शानदार प्रस्तुतियां हुई। बस्तर अंचल के युवाओं ने प्राकृतिक सौन्दर्य और खनिज संपदा पर आधारित लोक गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी।

लोकगीत गायन में बालोद जिले के राजेश कश्यप और साथी कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी, विकासपरक लोकगीत में नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी आओ हमन बनावो सुघ्घर छत्तीसगढ़ संगवारी की प्रस्तुति को उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा। सुकमा के आदिवासी कलाकारों ने बस्तर के प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित बस्तरियां शैली में मोचो गांव रे बस्तरिया समूह गायन प्रस्तुत किया। नारायणपुर के युवाओं ने मादरी नाच और लोक गीत की प्रस्तुति दी। बीजापुर जिले के आदिवासी युवाओं ने राहुल जुमाड़ और साथियों ने बस्तर की खनिज संपदा पर आधारित लोकगीत स्थानीय शैली में प्रस्तुत किया। इसी तरह से जगदलपुर की प्रथा दुबे ने हिन्दुस्तानी शैली में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। इसमें भोजराज आचार्य ने तबले पर संगत किया। शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बेमेतरा, बिलासपुर और जांजगीर के युवा कलाकारों ने गिटार वादन की सुमधुर संगीतमय प्रस्तुति दी।

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