कोरोना के आंध्र प्रदेश स्ट्रेन की रोकथाम के लिए बरतें कड़ी निगरानी, बस्तर जिले में आने वाले सभी बाहरी लोगों की हो कोरोना जांच

जगदलपुर। अत्यंत घातक साबित हो रहे कोरोना के आंध्र प्रदेश स्ट्रेन को बस्तर जिले में पहुंचने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने के निर्देश कलेक्टर रजत बंसल ने दिए। कोविड टास्क फोर्स की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बस्तर में पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच सुनिश्चित की जाए, चाहे वह किसी भी साधन से पहुंचा हो। उन्होंने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ ही बस्तर जिले की सीमाओं पर बनाये गए जांच चैकियों में सभी यात्रियों की कोरोना जाँच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश से आने वाले अधिकतर यात्री दरभा मार्ग से बस्तर जिले की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही धनपुंजी और मारडूम मार्ग से आने की भी पूरी संभावना है, इसलिए इन मार्गों में भी पूरी सतर्कता रखी जाए और वाहन चालक सहित हर यात्री की कोरोना जांच की जाए। उन्होंने इस कार्य के लिए जांच चैकियों में अतिरिक्त कर्मचारियों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए और लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी। उन्होंने सभी जांच चैकियों में सुरक्षा जवानों की संख्या बढ़ाई जाने के निर्देश भी दिए।

कलेक्टर ने बताया कि बस्तर जिले को अब 16 मई तक कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किया गया है और इस दौरान यहां लॉक डाउन की स्थिति रहेगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक मोहल्ले व कॉलोनियों में किराना दुकानें खुल सकती हैं। मुख्य मार्ग सहित मॉल व सुपर मार्केट खुलने पर रोक रहेगी। फल व सब्जियां ठेलों में बिकेंगे दुकानों में नहीं।कृषि से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी। पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले रहेंगे। कुरियर व डाक सर्विस चालू रहेगी। इलेक्ट्रिशन व प्लंबर घर जाकर सेवाएं दे सकेंगे। गैस एजेन्सियां खुली रहेंगी।पोल्ट्री नीट, अंडा दुकान व दूध डेयरी खुल सकेंगी। आटा चक्की खुली रहेगी। रजिस्ट्री ऑफिस खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां टोकन सिस्टम रहेगा और 50 प्रतिशत स्टॉफ काम करेगा। विविध योजनाओं के तहत जहां सरकारी काम चल रहे वहां श्रमिकों को काम करने की अनुमति होगी। 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ बैंक व पोस्ट ऑफिस कार्यालय खुल सकेंगे।

कलेक्टर ने लॉक डाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के माध्यम से अधिक से अधिक कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संरक्षण और संवर्धन के साथ ही सिंचाई और मछली पालन के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अधिक से अधिक संख्या में तालाबों के खनन पर जोर देते हुए इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर नाराजगी व्यक्त की। बैठक में पुलिस अधीक्षक दीपक झा, सहायक कलेक्टर सुरूचि सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग पशुपालन विभाग सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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