दंतेवाड़ा(बीएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप गरीबी उन्मूलन अभियान के लिये कारगर कार्ययोजना तैयार कर उसे बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही मलेरिया और कुपोषण मुक्ति के लिये सार्थक पहल किया जाये। उक्त निर्देश मुख्य सचिव आर पी मण्डल ने दन्तेवाड़ा कलेक्टोरेट के डंकिनी सभागार में दन्तेवाड़ा एवं बीजापुर जिले के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक के दौरान दिये। बैठक में लोक निर्माण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिदार्थ कोमल परदेशी, संस्कृति विभाग के सचिव पी अनबलगन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रबन्ध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला, कमिश्नर बस्तर संभाग अमृत कुमार खलखो,मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर वृत्त मोहम्मद शाहिद सहित दन्तेवाड़ा एवं बीजापुर जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक,डीएफओ, सीईओ जिला पंचायत तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य सचिव आर पी मण्डल ने कहा कि राज्य शासन ने आगामी चार वर्षो में दन्तेवाड़ा जिले में गरीबी के औसत को राष्ट्रीय औसत से कम करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है,इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये मिशन मोड में काम करना होगा। सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर निर्धन तबके के लोगों की आय संवृद्धि के लिए पहल करना होगा। मुख्य सचिव श्री मण्डल ने गरीबी उन्मूलन अभियान के लिये सबसे पहले बेस लाईन सर्वेक्षण कर कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन पर पूरा फोकस किये जाने अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कहा कि बस्तर सघन वनाच्छादित इलाका है और यहां के ग्रामीणों की आजीविका का एक मुख्य साधन लघु वनोपज है।इसे मद्देनजर रखते हुए राज्य शासन ने राष्ट्रीयकृत वनोपज तेंदूपत्ता का दर ढाई हजार रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रुपये कर दिया है। इसके साथ ही 22 प्रकार के विभिन्न लघु वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है। अब राज्य शासन स्थानीय महिला समूहों के माध्यम से दन्तेवाड़ा जिले में 10 करोड़ रुपये तथा बीजापुर जिले में 8 करोड़ रुपये की लघु वनोपज क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिये महिला समूहों को रिवाल्विंग फंड मुहैया कराया जायेगा।जिससे महिला समूहों द्वारा अपने गांव और हाट बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज की नकद खरीदी की जायेगी और संग्राहकों को अपने लघु वनोपज का वाजिब दाम मिलेगा। मुख्य सचिव श्री मण्डल ने महिला समूहों को रिवाल्विंग फंड के साथ ही अन्य संसाधन तत्काल उपलब्ध कराये जाने अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने गरीबी उन्मूलन अभियान के लिये कृषि, उद्यानिकी, सिंचाई,पशुपालन, मत्स्यपालन, ग्रामोद्योग इत्यादि सेक्टरों को समाहित कर कारगर कार्ययोजना तैयार करने अधिकारियों को निर्देशित किया।
मलेरिया मुक्ति हेतु मच्छरदानी के उपयोग को बढ़ावा देने पर बल
मुख्य सचिव आर पी मण्डल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा बस्तर से मलेरिया का समूल उन्मूलन करना है, इस दिशा में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के प्रथम चरण के अंतर्गत मलेरिया जांच और उपचार किया गया, वह एक उपलब्धि है। उन्होंने अब इस ओर अधिक ध्यान केंद्रीत करने की आवश्यकता निरूपित करते हुए कहा कि मलेरिया की रोकथाम अत्यंत जरूरी है और इसके लिये सबसे आसान तरीका मच्छरदानी का उपयोग करने के लिये जनजागरूकता निर्मित करना है। उन्होंने शत-प्रतिशत लोगों को मच्छरदानी वितरण करने सहित इसकी उपयोगिता सुनिश्चित करने पर बल दिया। मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कुपोषण और एनीमिया जैसी गम्भीर समस्या के समाधान हेतु मलेरिया के समूल उन्मूलन की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस कार्य के लिये सभी को मिलकर काम करना है। शिक्षकों,पंचायत सचिवों,स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मितानिन, महिला समूहों की सहभागिता से लोगों को मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। हर गांव में समितियां गठित कर मलेरिया से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाये और लोगों को मच्छरदानी का उपयोग करने समझाईश दिया जाये।
कुपोषण मुक्ति के लक्ष्य हासिल करने अभी और मेहनत की जरूरत
मुख्य सचिव आर पी मण्डल ने कहा कि बस्तर में कुपोषण मुक्ति के लिए बेहतर कार्य हो रहा है, यहां बच्चों, शिशुवती एवं गर्भवती माताओं सहित शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक गर्म भोजन के साथ ही अतिरिक्त आहार के रूप में अंडा और मूंगफली-फूटा चना एवं गुड़ का लड्डू उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका सकारात्मक परिणाम परिलक्षित होने लगा है लेकिन अभी इस दिशा में अधिक मेहनत करना है और बस्तर के नौनिहालों, माताओं और किशोरी बालिकाओं को कुपोषण से निजात दिलाना है। मुख्य सचिव श्री मण्डल ने इस ओर सभी को मिलकर काम करने कहा। बैठक के दौरान कलेक्टर दन्तेवाड़ा टोपेश्वर वर्मा ने जिले में गरीबी उन्मूलन अभियान कार्ययोजना तैयारी के बारे में अवगत कराया। वहीं कलेक्टर बीजापुर केडी कुंजाम ने जिले में लघु वनोपज संग्रहण व्यवस्था सहित सिंचाई संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार दूसरी फसल लेने सम्बन्धी कार्ययोजना की जानकारी दी।