मिशन इंद्रधनुष से मैदानी स्वास्थ्य अमले का काम सराहनीय : कलेक्टर

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों की तरह नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला प्रशासन भी लोगों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर और सजग है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से ख़ासकर ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य की जाँच और ज़रूरी उपचार किया जा रहा है।
मिशन इंद्रधनुष में राज्य के सात जिलों में शामिल नारायणपुर जि़ले के ओरछा विकासखंड में मैदानी स्वास्थ्य अमले द्वारा इस अभियान के तहत 90 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण का लक्ष्य मिला है। प्रथम चरण सफलतापूर्वक और सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। 25 दिसंबर 2014 से शुरू इस मिशन इंद्रधनुष अभियान में इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाला मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है, जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगे हैं। यह कार्यक्रम हर साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जाता है। मिशन इंद्रधनुष पूरी तरह से टीकाकरण सुनिश्चित करने का प्रयास है। जिसमें सभी उपलब्ध टीकों को दो साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करना है।

जिले के दुर्गम क्षेत्र और विषम भौगोलिक परिस्थितियों और लोगों मे जागरूकता का अभाव के कारण कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित रह गई थीं। इन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण मिशन इंद्रधनुष के तहत दिसम्बर से मार्च तक प्रतिमाह टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला नदी-नाले, उबड़-खाबड़, पगडंडी और घने जंगलों पहाड़ों को पार कर ओरछा विकासखंड के अंदरूनी गांवों में पैदल पहुंचकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार प्राप्ति लक्ष्य अंतिम चरण में है। जानकारी के अनुसार कई ऐसे गांवों हैं, जिनमें अपरिहार्य कारणों से टीकाकरण नहीं हो पाया था। अब इन गांवों में स्वास्थ्य अमला पहुंचा है, बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। इससे पहले इन गांवों के बच्चों आदि का टीकाकरण आसपास लगने वाले हाट-बाजारों, मेले-मड़ई के दौरान किया जाता था। विभाग द्वारा दूर-दराज के इन गांवों में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया और दवाईयां भी दी गई। कार्यक्रम के तहत उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं का भी टीकाकरण किया गया जो किसी काारण से टीकाकरण से वंचित रह गये थे। इनमें बच्चों की संख्या 71 और गर्भवती महिलाओं की संख्या लगभग 25 है।

कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और खास तौर पर मैदानी अमले को अपनी ओर से बधाई दी है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्तओं तथा मितानिन के सहयोग की भी सराहना की। सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 को चार चरणों में चलाया जाएगा। टीका सात कार्यदिवस में चलाया जाएगा। प्रथम चरण दो दिसम्बर 2019, दूसरा चरण 6 जनवरी 2020 तीसरा चरण 3 फरवरी 2020, चौथा चरण 2 मार्च 2020 से चलेगा। इस अभियान के तहत सरकार बच्चों के घर घर तक पहुंचेगी। इसके अलावा ईट भट्टे पर काम करने वाले लोग, दिहाड़ी मजदूर, घुंमतु जातियों के अलावा शहरी- झुग्गी झोपड़ी और जनजातीय क्षेत्रों मे भी इस अभियान को चलाया जाएगा।

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